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नवंबर 14, 2012

रिश्ता

   क्यों ऐसा है प्यार भरा रिश्ता भी
मकड़जाल में फंस जाता हैं
शब्दों के कुटिल चाल से
दिल को ही आघात हो जाता हैं  ...सविता

10 टिप्‍पणियां:

  1. बेनामी19/11/12, 8:03 pm

    बहुत सुन्दर कविता है दिदी ........ जय हो ........ शुभ सन्ध्या

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  2. धन्यवाद गुडिया शर्मा सिस .............

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  3. धन्यवाद भैया .शुभ संध्या ...............

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  4. बेनामी25/11/12, 12:32 pm

    NICE ONE . JAI SHRI KRISHNA ! JAI GURU DEV !

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  5. बेनामी30/11/12, 9:33 am

    bahut achhi kavita hai didi , kkp

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