भावों को हम शब्दों में पिरो देते हैं
विचारों को वाक्यों में तिरो देते हैं
मेरे भावों को भाव देता है जब कोई
संबल मिलता जो लेखन में सिरो देते हैं |
सिरो...ध्यान, रचनात्मक |
"पांच लिंकों का आनन्द" ब्लॉग में सोमवार ११ दिसंबर २०१७ को कमेन्ट में लिखी |
हाँ! हाँ! क्या बात है
शब्द शब्द लताड़ रहे न जाने किसको किसको
सोच बैठे कहीं हमको कह के तो नहीं खिसको
वाह वाह क्या बात है ! लगी कसके चमात है !! सविता ..
मन के हैं शब्द फूटे
दिल आपका न टूटे
छंद-बंद से दूर हैं हम
भाव बस शब्दों में छूटे | किसी ब्लॉग पे लिखी
विचारों को वाक्यों में तिरो देते हैं
मेरे भावों को भाव देता है जब कोई
संबल मिलता जो लेखन में सिरो देते हैं |
सिरो...ध्यान, रचनात्मक |
"पांच लिंकों का आनन्द" ब्लॉग में सोमवार ११ दिसंबर २०१७ को कमेन्ट में लिखी |
हाँ! हाँ! क्या बात है
शब्द शब्द लताड़ रहे न जाने किसको किसको
सोच बैठे कहीं हमको कह के तो नहीं खिसको
वाह वाह क्या बात है ! लगी कसके चमात है !! सविता ..
मन के हैं शब्द फूटे
दिल आपका न टूटे
छंद-बंद से दूर हैं हम
भाव बस शब्दों में छूटे | किसी ब्लॉग पे लिखी