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अप्रैल 26, 2021

कमजोर दिल वालों को सलाह

 आज हमने यू ट्यूब पर लल्लनटॉप और भी कइयों के कई वीडियो एक एक करके इकट्ठे ही देख लिए। पहले भी देखते आए हैं लेकिन हफ्ते में एक दो या नहीं भी। देखकर लगा सरकार, सिस्टम, अस्पताल और शमशान सब जगह त्राहिमाम मचा हुआ है। सब जगह मानवता शर्मशार हुई पड़ी है। आकड़ो से अधिक संख्या में लोग ऑक्सीजन, बेड की कमी से मर रहे हैं। कई जगह तो डॉक्टर अपनी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं हैं (ये वीडियो शायद किसी मरीज के तीमारदार ने बनाया था)। इतनी भयावह स्थिति देखकर थोड़ी देर लगा हर सम्बंधित व्यक्ति को खूब कोसे! लगा मानवता का ह्रास हो गया है, आदमी तकनीकों को इस्तेमाल करते-करते भावनाहीन हो गया है। उसे रुपए की महक समझ पड़ती है। वह रुपए के पीछे दीवाना हुआ पड़ा है। आखिर कहां ले जाएगा रुपया पैसा! मदद के नाम से भी कई लोग मजबूरों का गला काट दे रहे हैं। क्या उनका ये दोगलापन-बाजारवाद उन्हें कभी कचोटेगा!

क्या मनई जात अपनी जाति का भरोसा करना छोड़ दे! क्या जानवरों पर ही भरोसा करके सिर्फ उससे ही मिले-जुले और उसके साथ ही रहने लगे! उत्तर होगा, नहीं, अभी भी भरोसेमंद इंसान दुनिया में हैं, बस आपकी मुलाकात नहीं हुई। जिस समय हो जाएगी, आपका मानव जाति पर भरोसा पुनः जाग जाएगा। आखिर इसी भरोसे के बलपर तो आदमी जीवन को जिंदादिली से जीता है क्योंकि उसे भरोसा होता है कि उसके पीछे तमाम भरोसेमंद लोग हैं। कलयुग अवश्य है बन्धु, पर अभी भी घोर कलयुग नहीं आया कि मानव दूसरे मानव को देखते ही गला काट दें। मुट्ठी भर लोगों को देखकर मानव जाति से अपना भरोसा नहीं उठने दीजिए।

हमने देखे कई-कई वीडियो एक दिन में और झेल गए। आप सबसे विनती है, फेसबुक और यूट्यूब की ऐसी तथाकथित सच उजागर करने वाली वीडियो से दूरी बनाकर रखें। वरना बड़ी जल्दी डिप्रेशन में आ जाएंगे। 

आप कहेंगे, आप नहीं आये! तो हम बता दे कि थोड़ी देर तो सकते में आ गए थे। लगा ये दुनिया किधर जा रही है! लेकिन हमारी चर्बी जरा मोटी है, ऐसे वीडियो को देखकर डिप्रेशन में आकर डॉक्टरों की जेब नहीं भरेंगे। लेकिन आप सबसे जरूर विनती है कि कुछ महीने ऐसी वीडियो से दूरी बनाए रखें, ठीक है।

हिम्मत रखिए, जीतेंगे। इस कोरोना काल में मौत को मात देकर जो लौट आए हैं, उनके अनुभव साझा करिए, और सकारात्मक रहिए, ठीक है। ऊपर वाले पर भरोसा रखिए जब तक आपका पत्ता वह साफ नहीं करता तब तक आप यही अटके रहेंगे और इन व्यवस्थाओं को कोसने का सुनहरा अवसर मिलेगा। फिर कोसियेगा जरूर। हो सके तो अपने स्तर से सुधार भी करिएगा। लेकिन अभी नकारात्मक बातों से दूरी बना लीजिए। वरना पागलखाने में भी बाढ़ आ जायेगी, पक्का मान लीजिए।

हम तो पतिदेव से जब कहते है ऐसी अव्यवस्था के बारे में तो वो कहते हैं कि तुम क्यों चिंता करती हो, खाओ, पीओ और आराम से रहो। हम भी वही डायलॉग आप सबसे कह रहे हैं। चिंता न करिए, वरना चिता की ओर बढ़ने लगेंगे। हो सके तो शोशल मीडिया से दूरी ही बना लीजिए। 

भावनाए खत्म ही नहीं हो रही, लिखते ही जा रहे हम। जबर्दस्ती खत्म करते हैं अपनी बात। ध्यान से रहिए, पॉजिटिव होते ही एम्बुलेंस, सिलेंडर और बेड की जानकारी जरूर इकट्ठा कर लीजिए। जैसे जरूरत के समय आपका कीमती समय नष्ट न हो। किसी एक डॉक्टर का नम्बर जरूर रखिए।

ख्याल रखिए और कोरोना को पास मत फटकने दीजिए। विजयी अवश्य होंगे। तथास्तु

अक्षजा

अप्रैल 07, 2021

जाई बिआहे मा (अवधी)

 कपड़य नाही बा, ये हो कईसे जाई बिआहे मा 

लै आई दा दुई चार ठे साड़ी, तब्बय त जाई बिआहे मा

साल दुई साल से नाय खरीदे बीता भर भी कपड़ा

दई दा न पांच हजार रुपिया, ये हो तब्बे त जाई बिआहे मा 

खरच होई ग सगरा रुपिया पैसा ये ही घरे मा ही 

हमरे खरचा बरचा बरे दई दा न, तब्बे त जाई बिआहे मा 

अहिऐ बम्बई से ननदि और जेठानी करकत्ता से

बघारब तोहरै बखान तब्बई त ना, ये हो जाई बिआहे मा 

सुघ्घड़ लागे तोहार मेहरारू चहतै त तुहू एहि न

गोटा पट्टी वारी चमकवनी साड़ी लाय द न, जाई बिआहे मा 

काकी माई ताई देखिन कै हमके प्रहसन करिहै

लेय आई द न बड़के मारकेट तै साड़ी तब्बे त जाई बिआहे मा।

होई सके त एक ठू हरवा भी गढ़ाए द कड़वा कै साथे

देखाय देखाय मायके मा गदराइब हम जाई बिआहे  मा।

सविता मिश्रा 'अक्षजा'

7/4/2021 को लिखी गयी।

😆😁