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नवंबर 14, 2012

रिश्ता

   क्यों ऐसा है प्यार भरा रिश्ता भी
मकड़जाल में फंस जाता हैं
शब्दों के कुटिल चाल से
दिल को ही आघात हो जाता हैं  ...सविता

10 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

Bahut hi sundar

बेनामी ने कहा…

Vry nice di

बेनामी ने कहा…

बहुत सुन्दर कविता है दिदी ........ जय हो ........ शुभ सन्ध्या

सविता मिश्रा 'अक्षजा' ने कहा…

धन्यवाद आचार्य भैया .............

सविता मिश्रा 'अक्षजा' ने कहा…

धन्यवाद गुडिया शर्मा सिस .............

सविता मिश्रा 'अक्षजा' ने कहा…

धन्यवाद भैया .शुभ संध्या ...............

बेनामी ने कहा…

NICE ONE . JAI SHRI KRISHNA ! JAI GURU DEV !

सविता मिश्रा 'अक्षजा' ने कहा…

धन्यवाद ...जय गुरु देव ...

बेनामी ने कहा…

bahut achhi kavita hai didi , kkp

सविता मिश्रा 'अक्षजा' ने कहा…

dhanyvaad kishor bhai