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नवंबर 25, 2012

          फायकु         =======

१.चाहत है हमारी लेखनी
गीत बन बहू
तुम्हारें लिए


२.नहाना धोना भूल गयी
इतंजार बस तेरा
तुम्हारें लिए


३.उकता गयी जिन्दंगी से
जीतीं फिर भी
तुम्हारें लिए


४.रात दिन जागें हम
भर नैन नीर
तुम्हारें लिए


५.करना चाहा था बहुत
कर ना पाए
तुम्हारें लिए


६.गद्दारों को मार गिराएँ
ये मेरे वतन
तुम्हारें लिए


7.नारियों को दोषी ठहरातें
चुप है हम
तुम्हारें लिए


8.जीने को है तैयार
दर्द में सही
तुम्हारें लिए

9.बोलने को कहतें है
बोलें नहीं बस
तुम्हारें लिए


10.गहन सोच में थे
कुछ कर गुजरेगें
तुम्हारें लिए


सविता मिश्रा

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

जय हो बहिन ........ फूले/के.के.पाण्डेय