भेलेन्टाइन
सविता मिश्रा 'अक्षजा'
भेलेन्टाइन भेलेन्टाइन करत जात हौ
ई भेलेन्टाइन मा का बाटे
अरे भौजी, तू जानत नाही हौ का
भेलेन्टाइन में ही तौ सब बा
लरकी लरिका घूमत हैय
जोड़ा होइ होइ कै पारक मा
चाट पकौड़ा जाय के खात हैं
मुहल्ले से दूर खड़ी ठेलन मा
हे भौजी, भेलेन्टाइन मा
इत्तू उत्तू नाही हौ
येह मा बहुतै मजा बा
गुलाब कै बिकरी बढ़ि जात हैय
महंगाई नाही चढ़त ई बखत कपार मा
लरिका लोग लै के चलत ढेर कै
गुलाब सुलाब और उपहार हाथ मा
इठलाती लरकीयन के देखि देखि
कनखियन से दूर खड़ा होई कै
लरिका लोग मन्द मन्द मुस्कात बा
हे भौजी, ई गुरु भेलेन्टाइन मा सब बा
लरिकीन कौ झुंड के झुंड देखतै मान
झट एक दुई ठनी कौ गुलाब पकराए कै
ठाढ़ि वही पे देखत हैय लरिका
उह मा कवन केत्ता सरमात बा
अखियन मा ही बात करत
कभव झुकाए सिर मुस्कात बा
जाने कइसन कइसन जुगाड़ येही समय मा
लरिका लरिकन लोगन के सुझात बा
हे भौजी, भेलेन्टाइन मा ही तौ बात बा
का कहत हौ भईया
लरिका लरकीन घूमत हैयन
हाथ मा हाथ डाली कै खुले मा
ई कौन सा बखत चलत बा हौ
केहू से केयू नाही लजात बा
का येही सब हमार संस्कार बा
ई देस परदेस मा का चलत बा
ई भेलेन्टाइन मा तौ कछु नाही बा
ई तौ गदेलन के करत बर्बाद बा
सही कहत हऊ तू ये भौजी
ई भेलेन्टाइन मा ही तौ सब
अपना कै संस्कार बिलात बा
ई भेलेन्टाइन नाश करत बा
छोट छोट बचवन के बरगलावत बा
जे निक हैन वोहु के बहकावत बा
भेलेन्टाइन मा कछु नाही बा
पुलिस कै मारि नाही खाई कै बा
तौ ई सब लफड़ा से दूरी रहय के बा
भौजी जउन कहत हइन उ सुनत बाटे ना
ई भेलेन्टाइन सलेन्टाइन मा कछु नाही बा ।
-0-
10 टिप्पणियां:
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 15 फरवरी 2022 को साझा की गयी है....
पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
🙏🙏
वाह! वेलेंटाइन दिवस की पोलपट्टी खोल कर रख दी है आपने, सुंदर रचना
आप सभी का आभार🙏
बहुत सुंदर रचना,आपकी रचना ने सचित्र वर्णन कर दिया, आदरणीया शुभकामनाएँ ।
बहुत खूब ।।
सुन्दर सृजन
आभार आपका
आभार दीदी🙏
धन्यवाद आपका पसन्द करने के लिए।
एक टिप्पणी भेजें