बस ऐसे ही ..........
राहों से फूल चुन के कांटे बिछा देते है लोग
कदम आगे बढाओ तो जंजीरे डाल देते है लोग
जबान खोलने पर भी लगा दी है पाबंदिया यहाँ
अच्छो अच्छो की सोहबत में बिगड़ जाते है लोग| सविता मिश्रा 'अक्षजा'
राहों से फूल चुन के कांटे बिछा देते है लोग
कदम आगे बढाओ तो जंजीरे डाल देते है लोग
जबान खोलने पर भी लगा दी है पाबंदिया यहाँ
अच्छो अच्छो की सोहबत में बिगड़ जाते है लोग| सविता मिश्रा 'अक्षजा'
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