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नवंबर 30, 2013

+++भ्रष्टाचार है ऐसी बीमारी +++

कौन नहीं है भ्रष्टाचारी ,
जरा हमें भी बतलाओ |
स्वयं को नेक कहने वाले ,

जरा अपने गिरेबान में झांक के आओ |
भ्रष्टाचारी है ऐसी बीमारी ,
जो सभी को लगती है एक बारी |
कोई तो बतायें हमें व्यक्ति ऐसा ,
जिसने कभी ना काम किया हो ऐसा -तैसा |
कभी ना कभी तो लिया है ,
या फिर किसी को  दिया है |
क्या करे देश में फैली है यह महामारी ,
जनता की भी है यह लाचारी |
सभी है यहाँ एक से बढ़कर एक भ्रष्टाचारी ,
अपने अंदर से ही खत्म करना होगा बारी बारी |
तब जाके कही खत्म होगी यह बीमारी ,
वर्ना दीमक की तरह
चाट जायेगी यह इंसानियत हमारी |
..सविता मिश्रा

1 टिप्पणी:

Rajput ने कहा…

सच मे आज के दौर की सबसे विकट समस्या है। देश की तरक्की मे एक बहुत बड़ा रोड़ा । बहुत खूबसूरत रचना।