मैं सूर्य नहीं हूँ
सुना न तुमने,
कि मैं सूर्य नहीं हूँ !
सूर्य नहीं हूँ मैं, कि
समय से निकलूँगी और
समय पर ही डूब जाऊँगी।
ऐ बादल, कान खोलकर
जरा तू भी सुन ले कि
मैं वह सूर्य नहीं हूँ
जिसे तू अपने पीछे
छुपा लेता है।
मेरे नाम का अर्थ
भले ही सूर्य हो,
पर सूर्य नहीं हूँ मैं।
महाभारत काल का
सूर्य भी नहीं हूँ मैं कि
जिसके सामने उसके
पुत्र कर्ण का कवच कुंडल
छीन लिया जाय कपट से।
मैं सतयुग का भी
सूर्य नहीं हूँ
जिसे फल समझकर
भक्षण करने का
प्रयास किया जाय।
मैं कलयुग की सविता हूँ,
वर्तमान का सूर्य हूँ मैं,
न तेरे कहने से निकलूँगी,
न तेरे कहने पर चलूँगी,
और न तेरे कहे अनुसार
अपना आचरण करुँगी।
द्वापर युग के सूर्य की तरह
बेटे के साथ छल भी नहीं होने दूँगी
और न ही सूर्य की तरह
अपने कुरूप हुए बेटे को
अपने आप से जुदा ही करुँगी
मैं छाया हूँ उसमें जोश भरूँगी
दुनिया उसके कार्य से
उसे पहचानेगी एक दिन।
छली कपटी लोगों
सुन लो कान खोलकर
मेरे बच्चों की तरफ
गलती से भी कभी
तिरक्षी दृष्टि न करना।
मैं सूर्य नहीं हूँ,
मैं शक्तिस्वरूपा हूँ
अपने बच्चों की
'छाया' हूँ मैं।
एक माँ हूँ मैं,
एक नारी हूँ मैं
अडिग हो गई तो
सब पर भारी हूँ।
सूर्य नहीं हूँ बल्कि,
सविता हूँ मैं |
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#सविता मिश्रा #अक्षजा
सुना न तुमने,
कि मैं सूर्य नहीं हूँ !
सूर्य नहीं हूँ मैं, कि
समय से निकलूँगी और
समय पर ही डूब जाऊँगी।
ऐ बादल, कान खोलकर
जरा तू भी सुन ले कि
मैं वह सूर्य नहीं हूँ
जिसे तू अपने पीछे
छुपा लेता है।
मेरे नाम का अर्थ
भले ही सूर्य हो,
पर सूर्य नहीं हूँ मैं।
महाभारत काल का
सूर्य भी नहीं हूँ मैं कि
जिसके सामने उसके
पुत्र कर्ण का कवच कुंडल
छीन लिया जाय कपट से।
मैं सतयुग का भी
सूर्य नहीं हूँ
जिसे फल समझकर
भक्षण करने का
प्रयास किया जाय।
मैं कलयुग की सविता हूँ,
वर्तमान का सूर्य हूँ मैं,
न तेरे कहने से निकलूँगी,
न तेरे कहने पर चलूँगी,
और न तेरे कहे अनुसार
अपना आचरण करुँगी।
द्वापर युग के सूर्य की तरह
बेटे के साथ छल भी नहीं होने दूँगी
और न ही सूर्य की तरह
अपने कुरूप हुए बेटे को
अपने आप से जुदा ही करुँगी
मैं छाया हूँ उसमें जोश भरूँगी
दुनिया उसके कार्य से
उसे पहचानेगी एक दिन।
छली कपटी लोगों
सुन लो कान खोलकर
मेरे बच्चों की तरफ
गलती से भी कभी
तिरक्षी दृष्टि न करना।
मैं सूर्य नहीं हूँ,
मैं शक्तिस्वरूपा हूँ
अपने बच्चों की
'छाया' हूँ मैं।
एक माँ हूँ मैं,
एक नारी हूँ मैं
अडिग हो गई तो
सब पर भारी हूँ।
सूर्य नहीं हूँ बल्कि,
सविता हूँ मैं |
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#सविता मिश्रा #अक्षजा
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