फ़ॉलोअर

अक्तूबर 02, 2013

बस चलता तो रूपये को बस में रखती
हालत और हालात तो पक्का सुधरती,
पर बड़ी ही प्रेमांध हुई डालर पर मुई
बात सुनने को तनिक भी तैयार नहीं|
सविता

कोई टिप्पणी नहीं: