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सितंबर 18, 2014

गुस्से से गुस्से की तकरार हो गयी ~


गुस्से से गुस्से की तकरार हो गयी
जिह्वा भी गुस्से की ही भेंट चढ़ गयी
एक गुस्से में बोले एक तो दूजा चार बोलता
जिह्वा बेचारी सबके सामने शर्मसार हो गयी |
गुस्से से गुस्से की तकरार हो गयी ............

गालिया बकते एक दूजे को अचानक
आपस में ही मारामार हो गयी
एक ने चलाया हाथ दूजा करे पैर से वार
देखते देखते कुटमकाट हो गयी |
गुस्से से गुस्से की तकरार हो गयी ..........

एक ने सर फोड़ा तो दूजे ने हाथ तोड़ा
आपस में ही काटम काट हो गयी
एक ने लाठी उठाई तो दूजे ने पत्थर चलाये
देखते ही देखते खून की नदिया बह गयी |
गुस्से से गुस्से की तकरार हो गयी ..........

जब तक आपस में लड़ थक कर चूर ना हुए
धुल धरती की चाटने को मजबूर ना हुए
तब तक एक दूजे के खून के प्यासे रहे बने
मानवता यहाँ शर्मसार हो गयी |
गुस्से से गुस्से की तकरार हो गयी ..........

होश आया तो शर्म से आंखे झुक गयी
अपनी करनी पर पश्चाताप बहुत हुआ
गाली गलौज कब हाथापाई पर ख़त्म हुई
गुस्से पर गुस्सा प्रभावी ना जाने कब हुआ
गुस्से से गुस्से की तकरार जब हुई
गुस्से से गुस्से की तकरार हुई
तकरार हुई ....................
+++ सविता मिश्रा +++

1 टिप्पणी:

Unknown ने कहा…

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