मैं सूरज नहीं हूँ कि ...
अपनी प्रकाश की किरणें
बिखेर दूँ |
अपनी प्रकाश की किरणें
बिखेर दूँ |
मेरा नाम
अवश्य सूर्य का संबोधन है
पर मैं सूरज नहीं हूँ |
अगर अपने नाम का
थोड़ा भी अंश होता मुझमें
तो मैं भारत में रोशनी बिखेरती |
अँधेरे में प्रकाश फैलाती
अन्धों को रास्ता दिखाती |
अगर अंधकार बस
मार्ग भटकता कोई
तो मैं उसे
अँधेरे से निकालकर
सही रास्तें पर लाती|
मगर अफ़सोस कि ..
मैं सूरज नहीं हूँ |
||सविता मिश्रा "अक्षजा" ||अवश्य सूर्य का संबोधन है
पर मैं सूरज नहीं हूँ |
अगर अपने नाम का
थोड़ा भी अंश होता मुझमें
तो मैं भारत में रोशनी बिखेरती |
अँधेरे में प्रकाश फैलाती
अन्धों को रास्ता दिखाती |
अगर अंधकार बस
मार्ग भटकता कोई
तो मैं उसे
अँधेरे से निकालकर
सही रास्तें पर लाती|
मगर अफ़सोस कि ..
मैं सूरज नहीं हूँ |
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