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मार्च 29, 2019

आसपास के लोग (कहानी संग्रह) समीक्षा

(पुस्तक के विषय में )
लेखक : कृष्ण मनु
आसपास के लोग (कहानी संग्रह)
सम्पर्क नम्बर : ९९३९३१५९२५
प्रकाशक : विश्व साहित्य परिषद
आसपास के लोग (कहानी संग्रह )
मेरे मन की बात कहानी पढ़ते हुए...😊

23 फरवरी को मिली हमें, कहानी संग्रह 'आसपास के लोग'
पढ़ी एक, थाली धरी सामने तो जरुरी हो जैसे लगाना भोग |
उठायी दूसरे दिन भी लिया आत्मकथ्य का पेज झाँक
पढ़ी कहानी भी एक दो फिर उसे धर दी हमने ताक |
मार्च में रही व्यस्तता पर लगा रहा शर्त का खटका
रह रहकर लिया हाथ फिर साइड में सहेज रखा |
शर्त क्या थी भूल गए हम भुलक्कड़ी से था अपना तो नाता
फिर से उठाई किताब हमने दो कहानी को दीमक सी चाटा |

‘आसपास के लोग’ की कहानियां बहुत ही भायीं
‘गफूर भाई’ ने तो दिल में ज्यादा ही जगह बनायी |

‘जंग’ का ‘राकेश’ ‘करमा के करम’ का क्या कहें
मेरे ही तो आसपास के ये सभी किरदार लगें |
अग्रेंजी हिंदी मिक्स ने करी कुछ चटपटी चाट तैयार
पढ़ते हुए 'पुराना चश्मा' हमें लगा लेखक होना है भार |

'अव्यक्त संवेदना' में व्यक्त दर्द घायल मेरे दिल को कर गया
'सरिता मंइयां साब' की किरदार ने अंत में संवेदना भर गया |
फिर बढ़ी आगे, ‘पथराई आंखों की भाषा’ बहुत कुछ कह गई
कुछ पढ़ कहानी मनन करने लगी, कुछ ने आंखों में लगाई झड़ी |

'एक बार फिर' में मजदूर की मज़बूरी
 तो 'शिनाख्त' में मधुर गृहस्थी की गुंथन
एक में दारु में सब दर्द पी जाना
तो दूजे में सूरत से ज्यादा सीरत की जतन |

ज्यादातर कहानी के किरदार के हाथों में
घातक सिगरेट मुई जलवाई गयी
'कोहरा छटने के बाद' भी मजदूरों के
 शोषण पर हमारी सुई अटक ही गयी |

'ताले पर ताला' शीर्षक ने हमें उलझाया
और अंदर क्या लिखा जानने को भी उकसाया
पढ़ते हुए कमरा आवंटन का भ्रष्टाचार समझ आया
और साथ ही चौथे ताले ने खूब हंसाया |

'भुगतान' में कर्तव्य-परायणता को दिलाया लेखक ने सम्मान
दुआ हमारी, ऐसी कहानी करें साहित्य में स्थापित कीर्तिमान |
मजहब के खातिर मैं अपनी ज़िन्दगी को तबाह नहीं करूँगा
'भविष्य की झलक' में इस कथन ने विद्रोह का भान कराया |

सहज सरल भाषा में लिखी कहानी संग्रह की हमें भेंट
मनु भैया आप करना क्षमा जो मेरी प्रतिक्रिया हुई लेट |
लिखकर आपने किया मुकाम हासिल, और भी आगे बढ़ें
हम जैस नवांकुरों के लिए आप यूँ ही मार्ग प्रशस्त करें |

व्यक्त करते हैं आभार, जो आप अपनी कहानी पढ़ने लायक हमें समझे
यूं ही समाज उद्धारक बढ़िया लिखकर, आप हमारे प्रेरणा स्रोत हमेशा बनें |

---००---
सविता मिश्रा 'अक्षजा'
आगरा, ९४११४१८६२१
2012.savita.mishra@gmail.com

11 टिप्‍पणियां:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

बहुत सुन्दर।

शिवम् मिश्रा ने कहा…

ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 29/03/2019 की बुलेटिन, " ईश्वर, मनुष्य, जन्म, मृत्यु और मोबाइल लगी हुई सेल्फ़ी स्टिक “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

सविता मिश्रा 'अक्षजा' ने कहा…

आभार आपका

सविता मिश्रा 'अक्षजा' ने कहा…

आभार भैया🙏😊

मन की वीणा ने कहा…

वाह बहुत खूब

सविता मिश्रा 'अक्षजा' ने कहा…

bahut bahut shukriya

बेनामी ने कहा…

बहुत बढ़िया

viralsguru ने कहा…

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कविता रावत ने कहा…

आसपास के लोग (कहानी संग्रह) समीक्षा को कविता रूप में प्रस्तुत करना, यह नया अंदाज अच्छा लगा
हार्दिक बधाई लेखक और आपको!

सविता मिश्रा 'अक्षजा' ने कहा…

आभार आपका आदरणीया😊

सविता मिश्रा 'अक्षजा' ने कहा…

आभार आपका।