पुण्य-
बूढ़े बच्चे एक समान
करो सेवा उनकी बारम्बार
बूढ़ों के प्रति है अगर सम्मान
तो बच्चों में बसते हैं भगवान |
बूढ़े-बच्चे की सेवा कर
बढ़ाओ अपने पुन्य कर
बूढ़ा देगा आशीर्वाद तुम्हें
तो बच्चा देगा आदर तुम्हें |
बूढों का आदर कर
सुकून अपार पाओगें
बच्चों में स्वयं भगवान
की झलक देख इतराओगें |
सेवा से मिले शांति
सेवा से ही आती कान्ति
सेवा से ही मिले भक्ति
सेवा में ही अपार शक्ति |
सेवा करके सबका
हो जाओ सबके मन का
पुन्य कर लो तुम इह लोक
सवांर लो अपना परलोक |
|| सविता मिश्रा ||
अप्रैल १९८९
बूढ़े बच्चे एक समान
करो सेवा उनकी बारम्बार
बूढ़ों के प्रति है अगर सम्मान
तो बच्चों में बसते हैं भगवान |
बूढ़े-बच्चे की सेवा कर
बढ़ाओ अपने पुन्य कर
बूढ़ा देगा आशीर्वाद तुम्हें
तो बच्चा देगा आदर तुम्हें |
बूढों का आदर कर
सुकून अपार पाओगें
बच्चों में स्वयं भगवान
की झलक देख इतराओगें |
सेवा से मिले शांति
सेवा से ही आती कान्ति
सेवा से ही मिले भक्ति
सेवा में ही अपार शक्ति |
सेवा करके सबका
हो जाओ सबके मन का
पुन्य कर लो तुम इह लोक
सवांर लो अपना परलोक |
|| सविता मिश्रा ||
अप्रैल १९८९
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