जैसे फूल से भरे कैक्टस दूर से बहुत खुबसूरत लगते है, पर पास जाने पर कांटे चुभने का खतरा है| बिलकुल वही दशा आजकल रिश्तों की है, दूर से ही भले ...| कहते भी है न दूर के ढोल बड़े सुहावन लगते है,तो दूर से ही सुनने में भलाई है .... ..इस छली कपटी दुनिया में हम दो हमारे दो में जीना ही शायद सबसे अच्छा है ...| सच्चाई यही है| फिर भी ना जाने क्यों हम झूठ के पीछे भागते है, और झूठ से चिकनी चुपड़ी बात कर मन को बहलाने की कोशिश करते है कि समाज-परिवार है अपने साथ| पर सच्चाई तो दरअसल कुछ और ही होती है ..| अपने ही लोग खुद को अच्छा साबित करते हुए, दूजे को बुरा साबित करने पर तुले होते है ...| समाज में स्थित परिवारों के मन में इतना जहर देख, सच में हतप्रभ है, और सोच रहे है क्या हम सुधरे तो जग सुधरेगा ....हम कितना भी सुधर जायें पर जग! जग सुधरने से रहा हाल फिलहाल| .सविता मिश्रा
ऐसा कुछ लिखने की चाहत जो किसी की जिंदगी बदल पाए ...मन के अनछुए उस कोने को छू पाए जो इक कवि अक्सर छूना चाहता है ...काश अपनी लेखनी को कवि-काव्य के उस भाव को लिखने की कला आ जाये ....फिलहाल आपको हमारे मन का गुबार खूब मिलेगा यहाँ ...जो समाज में यत्र तत्र बिखरा है ..| दिल में कुछ तो है, जो सिसकता है, कराहता है ....दिल को झकझोर जाता है और बस कलम चल पड़ती है |
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जनवरी 16, 2014
++क्या हम सुधरे तो जग सुधरेगा++
जैसे फूल से भरे कैक्टस दूर से बहुत खुबसूरत लगते है, पर पास जाने पर कांटे चुभने का खतरा है| बिलकुल वही दशा आजकल रिश्तों की है, दूर से ही भले ...| कहते भी है न दूर के ढोल बड़े सुहावन लगते है,तो दूर से ही सुनने में भलाई है .... ..इस छली कपटी दुनिया में हम दो हमारे दो में जीना ही शायद सबसे अच्छा है ...| सच्चाई यही है| फिर भी ना जाने क्यों हम झूठ के पीछे भागते है, और झूठ से चिकनी चुपड़ी बात कर मन को बहलाने की कोशिश करते है कि समाज-परिवार है अपने साथ| पर सच्चाई तो दरअसल कुछ और ही होती है ..| अपने ही लोग खुद को अच्छा साबित करते हुए, दूजे को बुरा साबित करने पर तुले होते है ...| समाज में स्थित परिवारों के मन में इतना जहर देख, सच में हतप्रभ है, और सोच रहे है क्या हम सुधरे तो जग सुधरेगा ....हम कितना भी सुधर जायें पर जग! जग सुधरने से रहा हाल फिलहाल| .सविता मिश्रा
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2 टिप्पणियां:
जब हर कोई सुधरेगा तो समाज तो अपने आप सुधर जायगा ... बस शुरुआत करने की है ...
दिगंबर भैया नमस्ते ...आभार भैया आपका .........एक्का दुक्की के सुधरने से क्या समझ सुधर जायेगा
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