आपने कभी अपमान के आँसूओं में
डूब कर देखा है?
शायद नहीं ...
मैंने पिए है अपमान के आँसू
जिन्हें बहाने में सभी ने साथ दिया है
जब-जब पोंछने की कोशिश की मैंने
कुछ ज्यादा ही बहें हैं
फिर भी मैंने प्रयत्न करके
उन्हें रोक लिया है
लेकिन कब तक?
एक दिन तो ये बाँध टूटेगा ...
और उस दिन सभी डूब जायेंगे
आँसूओं के समुद्र में
उसकी गहराई इतनी होगी कि
उबर नहीं पायेंगे
अगर उबर गए तो
भूल कर भी किसी को
अपमान के आँसू नहीं रुलायेंगे
कभी नहीं रुलायेंगे ....|
सविता मिश्रा
डूब कर देखा है?
शायद नहीं ...
मैंने पिए है अपमान के आँसू
जिन्हें बहाने में सभी ने साथ दिया है
जब-जब पोंछने की कोशिश की मैंने
कुछ ज्यादा ही बहें हैं
फिर भी मैंने प्रयत्न करके
उन्हें रोक लिया है
लेकिन कब तक?
एक दिन तो ये बाँध टूटेगा ...
और उस दिन सभी डूब जायेंगे
आँसूओं के समुद्र में
उसकी गहराई इतनी होगी कि
उबर नहीं पायेंगे
अगर उबर गए तो
भूल कर भी किसी को
अपमान के आँसू नहीं रुलायेंगे
कभी नहीं रुलायेंगे ....|
सविता मिश्रा
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