राजनीती क्यों सभी जगह यही हाल है आरोप प्रत्यारोप गढ़ना तो आम बात है .........
झांकते नहीं अपना गिरेबान लगाते है दूजो पर ही दाग़ हो चाहे जितना वह बेदाग़ .......सविता मिश्रा
झांकते नहीं अपना गिरेबान लगाते है दूजो पर ही दाग़ हो चाहे जितना वह बेदाग़ .......सविता मिश्रा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें