सभी को श्री लाल बहादुर शास्त्री जी
के जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनायें!!
वे देश पर कुछ साल शासन करें होते तो शायद किसानो की हालत यह ना होती ..!!
जय जवान जय किसान नारा देने वाला आज आँसू बहा रहा होगा स्वर्ग में बैठा ...
तहेदिल से श्रद्धांजली उनको .. !!
Savita Mishra
बार बार तू!
हमको करता रहे तबाह
हताश हो!
भरने वाला नहीं हूँ मैं आह
हार मान लू!
ऐसा नहीं हूँ मैं किसान
बूढी हड्डियों में!|
अब भी हैं बाकी जान |
इस खेत में सोना उगा कर
दिखालाउँगा तुझको
कितना भी कष्ट पहुँचा
हरा नहीं पायेगा मुझको|
तू क्या सोचता है
अपने मन की तू कर लेगा
अनचाही बरसात-सुखा
इन प्राकृतिक आपदाओं से डरा देगा|
कृषि प्रधान देश है यह
परचम हम ही लहरायेंगे
सोनचिरैया भारत ही हैं
विदेशियों से ही कहलवायेंगे!!
हताश हो बेच दी
चंद किसानों ने जो जमीनें
हममें जब तक हैं दम
हम न ऐसा होने देंगे
धरती को अपनी मेहनत से
मजबूर कर देंगे!!
तुम हमको केहि विधि
ना हताश कर पाओंगे
कैसे भी हमें इसी मिट्टी में
मेहनत करते पाओंगे!
बरसो या ना बरसो
हम कुछ जुगाड़ कर जायेंगे
इसी बंजर भूमि पर हम
फिर से सोना उगायेंगे |
...सविता मिश्रा
के जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनायें!!
वे देश पर कुछ साल शासन करें होते तो शायद किसानो की हालत यह ना होती ..!!
जय जवान जय किसान नारा देने वाला आज आँसू बहा रहा होगा स्वर्ग में बैठा ...
तहेदिल से श्रद्धांजली उनको .. !!
Savita Mishra
बार बार तू!
हमको करता रहे तबाह
हताश हो!
भरने वाला नहीं हूँ मैं आह
हार मान लू!
ऐसा नहीं हूँ मैं किसान
बूढी हड्डियों में!|
अब भी हैं बाकी जान |
इस खेत में सोना उगा कर
दिखालाउँगा तुझको
कितना भी कष्ट पहुँचा
हरा नहीं पायेगा मुझको|
तू क्या सोचता है
अपने मन की तू कर लेगा
अनचाही बरसात-सुखा
इन प्राकृतिक आपदाओं से डरा देगा|
धरती का सीना चीर उगायेंगे
हम तनिक सोना
नहीं हैं अब हमको अपनी
पहचान यह खोना
परचम हम ही लहरायेंगे
सोनचिरैया भारत ही हैं
विदेशियों से ही कहलवायेंगे!!
हताश हो बेच दी
चंद किसानों ने जो जमीनें
हममें जब तक हैं दम
हम न ऐसा होने देंगे
धरती को अपनी मेहनत से
मजबूर कर देंगे!!
तुम हमको केहि विधि
ना हताश कर पाओंगे
कैसे भी हमें इसी मिट्टी में
मेहनत करते पाओंगे!
बरसो या ना बरसो
हम कुछ जुगाड़ कर जायेंगे
इसी बंजर भूमि पर हम
फिर से सोना उगायेंगे |
...सविता मिश्रा
1 टिप्पणी:
बहुत सुन्दर...लाल बहादुर शास्त्री जी को नमन..
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