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नवंबर 14, 2012

शादी तो आबाद करती है जीवन

शादी बर्बादी होती है
मूरख हैं जो यह कहते है
शादी से तो घर घर होता है
वर्ना चिड़िया घर सा होता है
बच्चों को माँ जैसे संभालती हैं
पत्निया पतियों को संभालती हैं
माँ प्यार से घर को
एक मंदिर बनाती है
पत्निया उस मंदिर को
अपनी जतन से आगे बढाती हैं
माँ बेटे का ब्याह रचा
बहुएँ घर लाती हैं
बहुएँ फिर माँ बनती हैं
यही क्रम चलता जाता है
घर प्यार से स्वर्ग सा रहता है
वर्ना शादी बिन तो
उजड़ा सा होता है जीवन
चारदिवारी में लगता नहीं है मन
ना जाने क्यों
मर्द शादी बर्बादी होती है कहते हैं
शादी तो
आबाद करती है उनका जीवन |
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++ सविता मिश्रा ++

2 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

Uttam

सविता मिश्रा 'अक्षजा' ने कहा…

धन्यवाद आचार्य भैया ...........