गम के समुन्द्र में न कभी डूबना
खुशियों नदियों में भी तैरना
आदत है दुनिया की ग़मों को देना
खुशियों के पोखर को भी सहेजना
गमो पर तब खुशियाँ होगी भारी
दुनिया के कवायदों पर फिरेगा तब पानी |..सविता मिश्रा
खुशियों नदियों में भी तैरना
आदत है दुनिया की ग़मों को देना
खुशियों के पोखर को भी सहेजना
गमो पर तब खुशियाँ होगी भारी
दुनिया के कवायदों पर फिरेगा तब पानी |..सविता मिश्रा
1 टिप्पणी:
जीवन रुकने का नहीं चलने का है नाम
इसलिए हँसते रहो रोने का नहीं काम
एक टिप्पणी भेजें