चिताओं पर आंसू बहाने की फुर्सत किसे है
बेवफ़ा इश्क क्या कम है इन आंसुओ के लिए,
बेवफ़ा इश्क क्या कम है इन आंसुओ के लिए,
लुटाना है तो लुटाओं किसी अपने के जनाजें पर
वहाँ पर घडियाली आंसू क्यों हो बहाने के लिए|..सविता मिश्रा
वहाँ पर घडियाली आंसू क्यों हो बहाने के लिए|..सविता मिश्रा
चलो आज कुछ ना कुछ सभी बोल दो
सालों से मन में पड़ी गिरह खोल दो
वादा है हमारा बुरा ना मानेगें हम
शिकायत आपकी दूर करने की कोशिश करेगें हम|
..सविता मिश्रा
...सालों से मन में पड़ी गिरह खोल दो
वादा है हमारा बुरा ना मानेगें हम
शिकायत आपकी दूर करने की कोशिश करेगें हम|
..सविता मिश्रा
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