फ़ॉलोअर

दिसंबर 16, 2012


<<<वह जवान हो गया>>>

डर के मारे बंधती थी उसकी घिग्घी 
 हमारे सामने जुबान नहीं थी खुलती 
 सामने तो खड़े होने का साहस भी ना था 
 नजरें मिलाना तो बहुत दूर की बात थी 
 पर लगता है अब बहुत कुछ बदल गया 
 या हम बूढ़े हो गये या फिर वह जवान हो गया |
 ++ सविता मिश्रा ++

कोई टिप्पणी नहीं: