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मार्च 05, 2022

मुक्तक अक्षजा

निकले दिल से किसी की आह या वाह
यही तो एक कवि की होती हमेशा चाह
कवि मिले जब किसी की कविता से कभी
चल पड़े कलम लेकर वह भी उसी ही राह! Sm अक्षजा 😊

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