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फ़रवरी 13, 2017

गर्व होना चाहिए-


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नारी क्यों ढाल बने नर की
उसे तो भाल बनना चाहिए

उसको ढाल बनाये जो नर
उसका नहीं इस्तकबाल होना चाहिए

पुरुषो की अहमी सोच को
हमेशा किनारे रखना चाहिए

नर दिखाए जो तेवर तो
नहीं निराश होना चाहिए

दुर्गा चंडी नारी का ही रूप है
उसे यह अहसास होना चाहिए

दरिंदो के मन में हो खौफ पैदा
ऐसा आत्मविश्वास होना चाहिए

कदम से कदम मिला चल रही
दंभ नहीं स्वयं पर गर्व होना चाहिए

 क्यों हमेशा नारी ही ढाल बने नर की
इन्सां रूप में उसका भी एहतराम होना चाहिए | सविता मिश्रा

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