आस पास मचा कोलाहल
मन में फिर भी हैं सन्नाटा|
हर कहीं बहू-बेटियां चीखती
फिर भी पसरा रहता सन्नाटा|
एक किलकारी गूंजती घर आँगन
पर गर्भ में ही कर दिया सन्नाटा|
सांय- सांय की आवाज गूंजती
जहाँ कही पसरा हो सन्नाटा|
डाल ही लो आदत अब रहने की
चाहे जितना अधिक हो सन्नाटा|
सुनो ध्यान से क्या कहता
मन के अन्दर का सन्नाटा|
जीने की आदत बन ही गयी
पसरा कितना भी हो सन्नाटा|| ......सविता मिश्रा
मन में फिर भी हैं सन्नाटा|
हर कहीं बहू-बेटियां चीखती
फिर भी पसरा रहता सन्नाटा|
एक किलकारी गूंजती घर आँगन
पर गर्भ में ही कर दिया सन्नाटा|
सांय- सांय की आवाज गूंजती
जहाँ कही पसरा हो सन्नाटा|
डाल ही लो आदत अब रहने की
चाहे जितना अधिक हो सन्नाटा|
सुनो ध्यान से क्या कहता
मन के अन्दर का सन्नाटा|
जीने की आदत बन ही गयी
पसरा कितना भी हो सन्नाटा|| ......सविता मिश्रा