१-उधार ले ले जीतें
अब और क्या
तुम्हारें लिए
२-बनिया खूब चिल्ला पड़ा
चुकता किया उधार
तुम्हारें लिए
३-तुम हमारी धड़कन बनो
हम दिल बसे
तुम्हारें लिए
४-मरने के बाद भी
पीछा ना छोडू
तुम्हारें लिए
५-घर को खुबसूरत किया
चाहत पूरी की
तुम्हारें लिए
६-दर्दे इश्क क्या है
पुछु आशिक से
तुम्हारें लिए
७-फूल नारियल चढ़ा आई
मिन्नतें खूब की
तुम्हारें लिए
८-सभ्य थे हम कभी
असभ्य बन गये
तुम्हारें लिए
९-लक्ष्मण रेखा की पार
रक्षार्थ ही तुम्हारें
तुम्हारें लिए
१०-तन-मन- धन चाहिए
तुम्हारें ही साथ
तुम्हारें लिए
११-करती दुनिया तुम्हारी बुराई
भृकुटी तानी हमने
तुम्हारें लिए
१२-क्रोध की अति नहीं
शांत रहती बस
तुम्हारें लिए
१३-भूख लगी फिर भी
इंतजार तेरा ही
तुम्हारें लिए
१४-चोर चोर मौसेरे भाई
पकड़ें ही गये
तुम्हारें लिए
१५-तुम जो चाहों सब
बने हम बस
तुम्हारें लिए
++सविता मिश्रा ++
1 टिप्पणी:
अच्छा ....
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