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अक्तूबर 02, 2014

तीन सीख (गाँधी के तीन बंदर)


गाँधी जी ने
हमारा भविष्य ताड़ लिया था
तभी तो
तीन बंदरों का उदाहरण दिया था |
कुछ भी गलत होता हुआ देखो
पहले बन्दर को याद रखो
गलत देखकर भी अनदेखा कर
धीरे से चलते बनो |

तुम्हारे किसी भी कार्य पर
कोई कुछ प्रतिक्रिया करे
तो दूसरे बन्दर को याद करो
सुनकर भी अनसुनी कर
चुपके से वहां से खिसक लो |

यदि कोई क्रोध में भर
गालियाँ तुम्हें दे तो
 शांत हो
तीसरे बन्दर को याद करो
ना बोलने में ही भलाई है
यह भाव रखो
ठिठको नहीं!
आगे की ओर कदम भरो |

यदि अपने जीवन में
यह तीन सीख ले ली
तो समझो!
तुमसे ज्यादा ज्ञानी,
सहनशील एवं प्रगतिशील
कोई भी नहीं |

सविता मिश्रा
२४ जनवरी २०१२ से भी पहले लिखी होगी 

1 टिप्पणी:

विभा रानी श्रीवास्तव ने कहा…

solah aane sachchi khari baat likhi
snehaashish bachchi