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अगस्त 12, 2014

~रहा है कौन~


गम को मुस्करा कर कौन छुपा रहा
रो के अपनी कमजोरी कौन बता रहा
सुख के समुन्दर में ना कोई गोते लगा रहा
उथले पानी में ना कोई उतरा ही रहा
प्यार के समुंदर में ना कोई नहा रहा
नफ़रत का ही दिया ना कोई जला रहा
वादें जो निभा ना सकें वह कौन कर रहा
हर वादा भी अब कौन यहाँ निभा रहा
मुस्कराहट पर किसी के कौन अपनी जान लुटा रहा
अपनी थाली का भोजन कौन किसको बाँट रहा
दुसरे के मुहं से निवाले ही तो छीन रहा
कौन किसके लिए यहाँ अब मर मिट रहा
किसी के गम में अब कौन आंसू बहा रहा
दुसरे की ख़ुशी में इंसान है रो रहा
जानवर सा हर इंसान यहाँ बन रहा
जानवर भी देख शर्मसार है यहाँ
इंसान वह हर कर्म है कर रहा |...सविता मिश्रा
दूसरा रूप यह हैं .......
२ ....
गम को मुस्करा कर कौन छुपा रहा,
रो के अपनी कमजोरी कौन बता रहा|
सुख के समुन्दर में ना कोई गोते लगा रहा,
उथले पानी में ना कोई उतरा ही रहा|
प्यार के दरिया में ना कोई नहा रहा,
ना कोई नफ़रत का ही दिया जला रहा|
वादें जो निभा ना सकें वह कौन कर रहा,
हर वादा भी अब यहाँ कौन निभा रहा|
मुस्कराहट पर किसी के कौन अपनी जान लुटा रहा,
दूसरे की आँखों में आंसू ही तो बाँट रहा|
दुसरे के मुहं से तो छीन रहा हैं निवाले,
अपनी थाली का भोजन कोई क्यों किसी से बाँट ले|
कौन किसके लिए यहाँ अब मर मिट रहा,
बल्कि मार-काट पर ही तो आमदा हो रहा|
किसी के गम में अब कौन आंसू बहा रहा,
दुजे की ख़ुशी देख इंसान है बस रो रहा|
जानवर सा हर इंसा अब तो यहाँ बन रहा,
जानवर भी देख यह सब शर्मसार हो रहा|
इंसान अब हर वह गलत कर्म है कर रहा,
जिससे उसमे इंसानियत का तो ह्रास हो रहा|...सविता मिश्रा


फिर तीसरी बार रोशन भैया द्वारा मार्गदर्शन करने के पश्चात्
३.....

गम को हंस कर छुपा रहा है कौन
रो के कमजोरियां बता रहा है कौन|

उथले पानी में ना कोई उतरा है,
सुख के दरिया में नहा रहा है कौन|

अब यकीं आता नहीं वादों पर,
वादा भी अब निभा रहा है कौन|

आंसू ही बांटता है आँखों में,
मुस्कराहट पर जान लुटा रहा है कौन|

दुसरे के मुख से छीन रहा हैं निवाले,
अपनी थाली का भोजन बाँट रहा हैं कौन|

हर कोई मार-काट पर आमदा हुआ,
किसी के लिए मर मिट रहा हैं अब कौन|

दूजे की ख़ुशी देख इंसा है बस रो रहा,
किसी के गम में अब आंसू बहा रहा हैं कौन|

जानवर सा हर इंसा बन रहा हैं अब यहाँ,
इंसा बनने की जहमत अब उठा रहा कौन|

हर किसी में इंसानियत का ह्रास हो रहा,
इंसा जैसा बन्दा मिल रहा हैं अब कौन| सविता मिश्रा

हमारी भावनायें (सविता मिश्रा)

1 टिप्पणी:

सविता मिश्रा 'अक्षजा' ने कहा…

बहुत बहुत आभार आपका दिल से चतुर्वेदी भाई