१....
मेरे हुनर का होगा देखना ऐसा कमाल कि
दुश्मन को भी होगा मेरे मरने का मलाल |....सविता
२...
शांति मिली कहाँ, यहाँ कभी शांति से
करनी पड़ी अशांति, अक्सर शांति से | ,...सविता
३ ...
ऐसे-ऐसे ना जाने कैसे -कैसे ....कैसे होकर अपना रूप दिखाते हैं
हम सीधे-साधे सच्चे इंसा होकर भी ....खड़े बस मुँह ताकते रह जाते हैं | सविता
४....
प्यार के दो बोल बोलता था कोई, जेहन में शहद सा घोलता था कोई
ना जानें क्यों अब ऐसा क्या हुआ, ना वह बोलता ना हम ही बढ़कर बोलतें | ...सविता मिश्रा
५...
कद व पद के घमंड में जाने कितने लोग हुए हैं चकचूर
और कहीं कद पद की मर्यादा भंग कर हुए हैं मगरूर | ...सविता मिश्रा
मेरे हुनर का होगा देखना ऐसा कमाल कि
दुश्मन को भी होगा मेरे मरने का मलाल |....सविता
२...
शांति मिली कहाँ, यहाँ कभी शांति से
करनी पड़ी अशांति, अक्सर शांति से | ,...सविता
३ ...
ऐसे-ऐसे ना जाने कैसे -कैसे ....कैसे होकर अपना रूप दिखाते हैं
हम सीधे-साधे सच्चे इंसा होकर भी ....खड़े बस मुँह ताकते रह जाते हैं | सविता
४....
प्यार के दो बोल बोलता था कोई, जेहन में शहद सा घोलता था कोई
ना जानें क्यों अब ऐसा क्या हुआ, ना वह बोलता ना हम ही बढ़कर बोलतें | ...सविता मिश्रा
५...
कद व पद के घमंड में जाने कितने लोग हुए हैं चकचूर
और कहीं कद पद की मर्यादा भंग कर हुए हैं मगरूर | ...सविता मिश्रा
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