बहुत कोशिश की हमने
दिल से दिल मिलाने की
पर एक बात मन में
तीर सी चुभ गयी !
नासूर ना सही पर
तनिक घाव कर ही गयी
कहते थे
बहुत किया है
उन्होंने सभी का
पर इस बार
पट बंद कर लिया घर का |
क्या जो मुहं से कहते हैं अक्सर
वह करतें भी कभी दूजे के लिए
डिंग हांकने को तो
बहुत से लोग हांकते हैं
पर किया क्या ?
अपने गिरेबान में नहीं झाँकते हैं |
झांको जरा गिरेबान अपना
कुछ न मिलेगा!
जो दिखाते हो रौब
apni karmaryta ka
वह भी नदारत होगा |
अपने से इतर हो देखो तो दुसरे के गुण पाओंगे
खुद धरती पर पड़े धूल चाटते नजर फिर आओंगे |.....सविता मिश्रा
दिल से दिल मिलाने की
पर एक बात मन में
तीर सी चुभ गयी !
नासूर ना सही पर
तनिक घाव कर ही गयी
कहते थे
बहुत किया है
उन्होंने सभी का
पर इस बार
पट बंद कर लिया घर का |
क्या जो मुहं से कहते हैं अक्सर
वह करतें भी कभी दूजे के लिए
डिंग हांकने को तो
बहुत से लोग हांकते हैं
पर किया क्या ?
अपने गिरेबान में नहीं झाँकते हैं |
झांको जरा गिरेबान अपना
कुछ न मिलेगा!
जो दिखाते हो रौब
apni karmaryta ka
वह भी नदारत होगा |
अपने से इतर हो देखो तो दुसरे के गुण पाओंगे
खुद धरती पर पड़े धूल चाटते नजर फिर आओंगे |.....सविता मिश्रा
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