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अप्रैल 26, 2017

कुछ तो ऐसी बात हो



हम तुझसे
मुलाकात करें
कुछ तो ऐसी 
बात हो
ख़ास तुझमें। sm
मिलकर
इधर उधर की
दो चार बात करें
कुछ तो ऐसी
बात हो
ख़ास तुझमें। sm
यादों में तू
घर कर जाये
रह-रहकर
तू याद आये
कुछ तो ऐसी
बात हो
ख़ास तुझमें। sm
एक लाइन से बढ़ती गई। आगे बाद में कुछ मन ने कहा तो!😊😊

तुझसे मिलकर
मन मयूर हो उठे
अन्तस्थ में घंटियाँ 
मंदिर सी बज  उठे  
कुछ तो ऐसी
बात हो 
ख़ास तुझमें।

तेरे औरा से
चमत्कृत 
हो उठूँ मैं
शब्द-शब्द तेरे
शहद से  लगे मीठे 
कुछ तो ऐसी
बात हो 
ख़ास तुझमें।

प्रफुल्लित हो 
गुलाब सी 
खिल जाऊँ मैं
आसपास  बगियाँ को
महक से  भर दूँ मैं 
कुछ तो ऐसी
बात हो 
ख़ास तुझमें।

प्रभु तू 
उतर आये 
धरती पर
मेरे लब्जों  की 
कातरता  सुनकर 
कुछ तो ऐसी
बात हो 
ख़ास  मुझमें। sm


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