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मई 28, 2017

फेसबुकी रस-

इतने !
इतने 😊
इतने गन्दे है हम कि
अच्छे लोग 🐦
पोस्ट पर आते हैं-
समझाने हमको🐰
पर हमारी ही समझ पर
लानत भेज भाग जाते हैं 😉
कहाँ?
कहाँ क्या!
कुछ ब्लाक करके
कुछ ऐसे ही उलटे पाँव
अपने घर को (वाल)!
और कहाँ!!😊
फिर??
फिर क्या !
हम भी मन मार
उन्हें महापागल कहके
संतुष्ट हो लेते।😊
और कुछ ?
कुछ तो
समझा
समझाकर 🐥
समझ के पागल हमे
चुप्पी लगा जाते हैं 
तब ?
तब क्या !
उनकी पोस्ट देखकर
हम भी कुछ
अइसने ही समझ
अनदेखा करके
चुप्पे चले आतें !👻😁
और जो
पोस्ट पर आते वो!
वो
वो क्या समझ आतें ?
राम जाने !
शायद वो
पागल हमको न माने
हम उन्हें पानी पिलाकर ही
अपनी पोस्ट से देते जाने।😊😊
और जो !
सोये पड़े वो ?
उन्हें पानी
पिला पिलाकर
मन करता है
बाहर निकालें !!
क्यों?
क्योंकि
खरबूजे को देखकर ही
खरबूजा रंग बदलता
कुछ मेरे साथ भी
ऐसा ही करतें हैं
फिर हम क्योंकर
न करें!!😛
हम आत्मियता में
फंसे रहतें😊😊
और वो
हमें आँख दिखाते!
हम बर्दाश्त
करें फिर उन्हें
यह हमारी प्रवित्ति
में कहाँ!!😊😊
दिल करता
उन्हें उनकी
औकात दिखला दे😷
भौ भौ करते जो😊
उन्हें आईना
पकड़ा दें!!
#सविता मिश्रा 'अक्षजा'
पुरानी पोस्ट में जरा #नमक लगा के👻👻👻

एक भैया के कहने पर बाद में मिर्च भी छिटके :P

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