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अगस्त 20, 2013


इतना घनचक्कर बना दिया इस बार ग्रह नक्षत्रो ने

अब रात में कौन भाई के घर जाकर बांधेगा (जिन्हें जाना हैं) और दुसरे इतने सुबह बच्चे कैसे तैयार हो बांधेगें ...सच में बुरे फंसे इस बार ज्यादातर लोग .....

भ्रम बहुत हो गया हैं इस बार कोई कहता हैं
२० रात 830 बजे के बाद कोई २१ को ...खैर भाइयो बहनों २१ सुबह ७ बजकर १४ मिनट तक पूर्णिमा है और वह पूरे दिन मानी जायेगी.... देश- काल- परिस्थिति के अनुसार हमें लगता हैं 21 ही सही हैं
कई लोगो के मत पढ़े सभी का मत अलग अलग ही हैं...

दोष विद्वानों का नहीं हैं इस कलयुग में इंसानों को मतिभ्रम में इन ग्रह नक्षत्रों ने डाल रक्खा हैं .....

कुछ ऐसा ही हैं इस बार आगे कुआ पीछे खाई ...
फिरहाल आप सभी को रक्षाबंधन की हार्दिक बधाई
....सविता मिश्रा

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